फेसबुक ला रहा है दिमाग पढ़ने वाला मशीन।
नमस्कार दोस्तों Technical Toofan में आपका फिर से स्वागत है आपने सुना ही होगा एक ऐसी तकनीक के बारे में आने वाला है जिससे केवल आप सोच कर ही टाइप कर पाएंगे। यह तकनीक आपका दिमाग बढ़ने लगेगी कि आप क्या सोच रहे हैं और फिर तो टेक्स्ट में बदलकर आपके फेसबुक को अपडेट कर दे तो क्या है?
फेसबुक की नई टेक्नोलॉजी देख चुके हैं। जिसमें आप बोलकर कंप्यूटर को चला सकते हैं। यह टेक्नोलॉजी टेक्नोलॉजी टेक्नोलॉजी और भी है जिसे आप हाथ फैलाकर यहां का इशारा करके अपने कंप्यूटर को ऑपरेट कर सकते हैं। इसे हैंड जेस्चर टेक्नोलॉजी बोलते हैं।
हैंड जेस्चर टेक्नोलॉजी |
इसके अलावा आप आंखों के इशारे से भी अपने मोबाइल फोन को चला सकते हैं या गेम्स खेल सकते हैं इसे आई जेस्चर टेक्नोलॉजी बोलते हैं
लेकिन फेसबुक जो टेक्नोलॉजी लेकर आने वाला है। वह ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस यह टेक्नोलॉजी पहली बार किसी ऐसे प्लेटफार्म पर आने वाली है। जहां पर लोग केवल सोचने भर से ही टाइप कर पाएंगे।
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इससे पहले भी वर्ष 2013 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने माइंडसेट नाम का एक ऐसा उपकरण बनाया था जिससे मन में आया हुआ कोई विचार आपका पासवर्ड बन जाता था तो आपको पासवर्ड सेव करने के लिए याद रखने की तो जरूरत नहीं रहती थी। यह बहुत ही सुरक्षित तरीका पासवर्ड बनाने का लेकिन दिमाग से ऑपरेट करने वाला ऐसा कोई सिस्टम अभी तक नहीं आया है तो क्या फेसबुक इसे तैयार कर लेगा जी नहीं यह केवल अधिक कांसेप्ट है या नहीं अभी केवल के सोचा गया है।
कैसे बनाई जाए जिससे कोई भी अपने दिमाग का इस्तेमाल करके टाइपिंग कर पाए फेसबुक के सीक्रेट प्रोजेक्ट का नाम है बिल्डिंग 83 में कुल 60 लोग हैं जो इस नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। बिल्डिंग 1 ह्यूमन ब्रेन से निकलने वाले ब्रेनवेव्स यानी मस्तिष्क की तरंगों को कंट्रोल करने वाले कंप्यूटर इंटरफेस पर आधारित होगा।
इसमें टाइप करने की स्पीड आपके मोबाइल पर लगभग 5 गुना ज्यादा होगी यानी आप अभी 20 शब्द प्रति मिनट टाइप कर पाते हैं। मैक्सिमम तो इस तकनीक में आप सोचकर 100 शब्द प्रति मिनट कम से कम टाइप कर सकता है।
एक ऐसे व्यक्ति जो बोल नहीं सकता सुन नहीं सकता और अपने हाथ से हिला नहीं सकता तो उसके लिए बाकी वह सारी टेक्नोलॉजी बेकार है। लेकिन यह टेक्नोलॉजी अगर वास्तव में आ गई तो यह उसी के बहुत काम की होगी जो अपने किस तरीके के काम नहीं कर सकता और जो सोशल मीडिया पर एक्टिवेट नहीं रह सकता है तो यह टेक्नोलॉजी वाकई में बहुत अच्छी टेक्नोलॉजी हो सकती है